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हिन्दी में ज्ञान का प्रकाश – दिनांक 15 एवं 16 अक्टूबर को आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम हिन्दी में ज्ञान का प्रकाश एवं एक दीपक मातृभाषा के नाम का आयोजन तथा माननीय मुख्यमंत्री जी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारद सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में दिखाया जाना है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह द्वारा हिंदी भाषा में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम का शुभारंभ 16 अक्टूबर को मध्यप्रदेश से किया जा रहा है। इसके परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुरूप प्रदेश के विद्यालयों में व्यापक आयोजन के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देशित किया। श्री परमार के निर्देश पर 15 अक्टूबर को हिंदी भाषा आधारित कार्यक्रम एवं प्रदेश के विद्यालयों में हुए जिसमें छिंदवाडा जिलें के विद्यालयों से विद्यार्थीयों ने भी सहभागिता की।

जिलें के विद्यालयों में “हिन्दी में ज्ञान के प्रकाश” विषय पर संगोष्ठिय तथा अन्य गतिविधियों का आयोजन किया गया। सायंकाल प्रतीक स्वरूप दीप प्रज्ज्वलन किया गया। इसमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। विद्यालयों में हुए कार्यक्रमों में विद्यार्थियों को हिन्दी में चिकित्सा शिक्षा को लेकर जानकारी दी गई एवं उन्हें प्रोत्साहित किया गया। बताया गया कि अब डॉक्टर बनने की राह में भाषा बाधा नहीं बनेगी। विद्यार्थी अपनी मातृ-भाषा हिंदी में ही चिकित्सा क्षेत्र की शिक्षा ले सकेंगे। हिंदी भाषा में चिकित्सा शिक्षा की सौगात देने वाला मध्यप्रदेश भारत का पहला और इकलौता राज्य है। इस पहल से हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के अध्ययन में अंग्रेजी जैसी अन्य भाषा आड़े नहीं आयेगी और चिकित्सा विद्यार्थियों को पढ़ने, सीखने, समझने में सहजता और सरलता मिलेगी।

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यह जाना-माना और वैज्ञानिक तथ्य है कि शिक्षा का माध्यम मातृभाषा में होने पर विषय की समझ मजबूत होती है।
नई शिक्षा नीति 2020 में विद्यार्थियों को शिक्षा उनकी मातृभाषा में दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। इस क्रम में मध्यप्रदेश मेडीकल की शिक्षा हिंदी भाषा में प्रारंभ करने वाला देश का प्रथम राज्य बन गया है। मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के अनुसार इसका मकसद पढ़ाई को ग्रामीण क्षेत्रों और हिंदी माध्यम से पढ़ने वालों के लिए आसान बनाना है।
निश्चित तौर पर यह स्वागत योग्य पहल है क्योकि भाषा का उद्देश्य अपने विचारों का संप्रेषण होता है। यह प्रक्रिया जितनी सरल होगी विद्यार्थियों की समझ उतनी ही विकसित होगी। इस योजना के प्रथम चरण में एम बी बी एस प्रथम वर्ष के तीन विषयों एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायो केमिस्ट्री की पुस्तकों को हिंदी भाषा में तैयार किया गया है। इसमें सबसे खास यह है कि तकनीकी शब्दों को जटिल हिंदी में न बदल कर देवनागरी में लिखा गया है। जैसे स्पाइनल कार्ड को मेरूदंड न लिखकर देवनागरी में स्पाइनल कार्ड ही लिखा गया है अर्थात कोशिश यही है कि छात्र विषय को अपनी भाषा में आसानी से समझ सके।

आलेख का एक अंश – लेखक- संजय पटेल

हिन्दी में ज्ञान के प्रकाश की रूपरेखा

https://forms.gle/ZZPnczav6gTvGCJGA – समस्त प्राचार्य 15 अक्टूबर हिंदी में ज्ञान प्रकाश में शाला की सहभगिता की जानकारी संलग्न लिंक के माध्यम से दर्ज कराना सुनिश्चित करें ।

चिकित्सा शिक्षा विभाग का हिंदी में चिकित्सा शिक्षा के सम्बंध में माननीय गृह मंत्री जी एवं मुख्य मंत्री जी के उद्बोधन का प्रसारण